Monday, March 21, 2016

बहुगुणा के सच्चे राजनीतिक वारिस सिद्ध हुए विजय ?


हिमालय गौरव उत्‍तराखण्‍ड |हिन्‍दी न्‍यूस | उत्‍तराखण्‍ड


Posted: 20 Mar 2016 12:04 PM PDT
plane 3राहुल गांधी का 27 मार्च का हरिद्वार का दौरा रद्द हो गया है। वहीं राज्यपाल केके पॉल ने मुख्यमंत्री हरीश रावत को कल चिट्ठी लिखकर कहा कि वह विधानसभा में 28 मार्च तक अपना बहुमत साबित करें। राजनीतिक संकट का सामना कर रहे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत को शनिवार को उस समय बड़ी राहत मिली, जब राज्यपाल कृष्णकांत पाल ने उन्हें 28 मार्च तक विधानसभा के पटल पर अपना बहुमत साबित करने को कहा। कृषि मंत्री हरक सिंह रावत को इस आधार पर मंत्रिमंडल से बर्खास्‍त कर दिया गया कि विधानसभा में उनका आचरण ‘असंसदीय’ था। हरक सिंह रावत ने बागी विधायकों का अगुवाई की थी। वही दूसरी ओर कांग्रेस नेतृत्व ने पार्टी प्रवक्ता रीता बहुगुणा जोशी से कहा है कि वह बागी रूख अपनाने वाले अपने बड़े भाई विजय बहुगुणा को मनाएं और सम्मान के साथ वापसी करने के लिए कहें। विजय बहुगुणा ने भाजपा का हाथ थाम लिया है।
उत्तराखंड की राजनीति में कांग्रेस और बीजेपी अब अपने समर्थक विधायकों को एक-दूसरे की नज़रों से बचाने में लगे हैं। बाग़ी कांग्रेस विधायक बीजेपी विधायकों के साथ गुड़गांव के होटल में हैं तो हरीश रावत समर्थक विधायकों को जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क भेज दिया गया है। 28 तारीख़ को हरीश रावत को बहुमत साबित करना है, लेकिन उससे पहले 26 मार्च तक बाग़ी विधायकों को स्पीकर के नोटिस का जवाब देना है, जिसमें पूछा गया है कि क्यों ना दल बदल क़ानून के तहत उनकी सदस्यता रद्द कर दी जाए।
उधर, बीजेपी ने बजट पास कराने की जल्दबाज़ी को लेकर स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल को निशाने पर ले लिया। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि पहली बार किसी स्पीकर ने फेल हुए बिल को पास किया है। भाजपा ने दावा किया कि 70 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के नौ बागी विधायकों को मिलाकर उसे 35 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। साथ ही पार्टी ने कहा कि रावत सरकार अल्पमत में आ गई है।
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इसके लिए बीजेपी को दोष नहीं देना चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड कांग्रेस में गहरे मतभेद हैं। इसके लिए बीजेपी को दोषी न ठहराएं।
वहीं, कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ट्वीट कर बीजेपी पर निशाना साधा और कहा कि बीजेपी जनता की चुनी सरकार को खरीद-फरोख्त के जरिये गिराने की कोशिश कर रही है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार लोकतंत्र की हत्या करने पर उतारू है।
इस बीच, स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल ने 28 तारीख़ को विधानसभा सत्र बुलाने की अधिसूचना जारी कर दी। 28 तारीख को हरीश रावत सरकार को अपना बहुमत साबित करना है और तब तक उनके समर्थक भी एक साथ सैर-सपाटे पर निकल गए हैं। हेलीकॉप्टर से उड़ान भरकर वो जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क पहुंच गए। यहां उनकी होली भी साथ मनेगी और मौज मस्ती भी। साथ में आलाकमान की निगाह में भी रहेंगे।
कांग्रेस पार्टी के एक नेता ने नाम न छापे जाने की शर्त पर यह माना कि अपने तथा पीडीएफ के सभी 26 विधायकों को एकजुट रखने के लिए उन्हें नैनीताल जिले के रामनगर क्षेत्र में ले जाया गया है। दिन में सहस्रधारा हेलीपैड से सभी विधायक तीन हेलीकाप्टरों से रामनगर के लिए रवाना हुए। मुख्यमंत्री हरीश रावत के करीबी माने जाने वाले पूर्व विधायक रंजीत रावत भी विधायकों के साथ देखे गए।
हालांकि, उत्तराखंड कांग्रेस के प्रवक्ता मथुरा दत्त जोशी ने इसे अपने कुनबे को एकजुट रखने की कोशिश मानने से इंकार करते हुए कहा कि सभी विधायक होली से पहले वहां घूमने गए हैं। इस संबंध में उन्होंने कहा, ‘हमारी सरकार को कोई खतरा नहीं है और हमें ऐसा कुछ करने की जरुरत नहीं है। हमारा कुनबा एकजुट है और एकजुट ही रहेगा।’
इस बीच, विधानसभा सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री हरीश रावत और संसदीय कार्यमंत्री इंदिरा हृदयेश ने विधानसभा पहुंचकर राज्य मंत्रिमंडल से निष्कासित किए गए कृषि मंत्री हरक सिंह रावत के दफ्तर में ताला लगवा दिया।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कल हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में बागी हरक सिंह रावत को निष्कासित करने का फैसला लिया गया था।
Posted: 20 Mar 2016 08:59 AM PDT
DANCE 1CHANDRA SHEKHAR JOSHI- EDITOR; www.himalayauk.org (Leading Digital Newsportal) & State President ; IFSMN (N.DELHI)
होली मिलन समारोह- सीएम का स्‍टाफ बरगलाता रहा’ सीएम पर समय समय पर आये संकट व आम जन की नाराजगी का एक मुख्‍य कारण मुख्‍यमंंत्री के साथ चल रहे स्‍टाफ का आपत्‍तिजनक वयवहार भी है, ज्ञात हो कि जहां हरीश रावत अपने सौम्‍य वयवहार के लिए जनता के दिल में जगह बनाये हुए हैं वही उनका स्‍टाफ उनके किये कराये पर पानी फेर रहा है-‘ यह आज उस समय सिद्व हो गया जब कि काबिना मंत्री दिनेश अग्रवाल के होली मिलन समारोह में मुख्‍यमंत्री मौजूद होते हैं, पर उस स्‍थान से थोडी दूर पर ही कूर्माचल परिषद के होली मिलन समारोह में मुख्‍यमंत्री के उपस्‍थित होने के बारे में स्‍टाफ/ साथ चलने वाले कतिपय निजी स्‍टाफ को जानकारी देने में मानो कष्‍ट हो रहा था, इसका यह संदेश गया कि कूर्माचल पर्वतीय समाज को क्‍यों उपेक्षित कर गये हरीश रावत जी के निजी स्‍टाफ’  जबकि हरीश रावत संरक्षक हैं,
कूर्माचल सांस्कृतिक एवं कल्याण परिषद केन्द्रीय परिषद देहरादून द्वारा होली मिलन समारोह का आयोजन २० मार्च को अपरान्ह २ बजे से किया गया, जिसमें दीप प्रज्जवलन डा० चन्द्रा पंत पूर्व सीएमओ महिला अस्पताल देहरादून तथा श्री आरएस परिहार केन्द्रीय अध्यक्ष तथा श्री जीसी भट्ट कार्यकारी अध्यक्ष कूर्माचल परिषद तथा कूर्माचल परिषद की १० शाखाओं के अध्यक्षों तथा सचिवों द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। इस अवसर पर श्री हरिकिशन किमोठी प्रदेश संयोजक पीताम्बरी दिव्य योग ट्रस्ट भी मौजूद थे।
केन्द्रीय कूर्माचल परिषद के सामूहिक होली मिलन समारोह में कु० पर्णिका सुन्दरियाल द्वारा सरस्वती वन्दना प्रस्तुत की गयी।
मंजू तनवाल तथा चन्दा कठैत व उनके साथियों द्वारा खडी होली- झोडा गाया गया। "झनकारो झनकारो…." गीत पर पब्लिक झूम उठी। कांडली से आयी महिलाओं ने रूमाली को गाठा रूमा छोडी रे…. से दर्शकों को झुमने पर मजबूर कर दिया। बबीता, माया जोशी ने – ऐगे ग्यूनलो में बालडी पेश किया। स्वामी वीणा महाराज एकेडमी से मास्टर किसलय के नेतृत्व में होली आई रे कन्हाई, रंग छलके…. कलाकारों ने गीत व नृत्य पेश कर अतिथियों को भी गुलाल से सरोबार कर दिया।
पूर्व सीएमओ डा० चन्द्र पत एवं साथियों ने यो वादों को जानी, होली… प्रस्तुत किया। वह है अलबेला, यह नैनो वाला गीत व नृत्य हाथीबडकला शाखा से खूशबू ने पेश किया। माजरा से पुष्पा अधिकारी व सुन्दरियाल ने मेरो घर आयो मेरू रंगीलो देवर से होली की मस्ती की याद दिला ली। पिया संग खेलो होरी, फागुन आयो रे, गीत व नृत्य स्वामी वीणा महाराज ऐकेडमी के गुरू श्री किसलय शाह की शानदार प्रस्तुती रही। वही सचिवालय संघ से भी बैठकी होली की टीम पहुंची जिन्होंने खडी होली गायी, जिसमें ललित जोशी, प्रदीप पपनै, मनोरथ जोशी, शेखर रौतेला, गिरीश पाण्डे, दयाकृष्ण आदि ने पेश किया। अरे जारे हट नटखट हाथीबडकला शाखा ने प्रस्तुत किया। शिवांग पंत ने शोलो तबला वादन पेश कर तालिया बटोरी, कु० खुशबू कांवली शाखा ने मोहे रंग दो मोहना पेश किया। आज सीता को ब्याह- कांडली शाखा ने गाया। बैठी होली में मत फोडो हो गागर मोहना, डा० चन्द्र पंत,मोहनी, माया, मनोरमा, रजनी एवं साथियों ने गाया।
हालांकि मुख्य अतिथि श्री हरीश चन्द्र रावत मुख्यमंत्री तथा अति विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री गोविन्द सिंह कुंजवाल थे। मुख्यमंत्री के यहां से सम्फ करने पर एक मोबा० न० उपलब्ध कराया गया कि इस नं० पर मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के बारे में पता करने को कहा गया परन्तु मुख्यमंत्री का यह कैसा मीडिया मैनेजमेंट था कि मुख्यमंत्री अपने समाज के सालाना कार्यक्रम में आ रहे हैं या नही, प्रोपर सूचना देने को मुख्यमंत्री के बगल में चल रहे लोग तैयार नही थे, गौरतलब है कि जबकि मुख्यमंत्री कूर्माचल भवन से मुश्किल से आधा कि०मी० से भी कम दूरी के स्थान पर काबिना मंत्री दिनेश अग्रवाल के होली मिलन कार्यक्रम में मौजूद थे। खैर, इसका दूरगामी संदेश गया, क्या मुख्यमंत्री को अपने घेरे में इस तरह के लोग रखने चाहिए, जाहिर सी बात है कि विपरीत असर मुखिया की छवि पर पडता है। कार्यक्रम में यह चर्चा जोरो पर रही कि मुख्यमंत्री के साथ चल रहे लोग क्यों व किस अकड में तने रहते हैं, सीधे मुंह बात नही करना, उल्टा जवाब देना- जबकि मुखिया अपनी सौम्य छवि के लिए विख्यात है परन्तु स्टाफ के लोग अपने व्यवहार से सब गुड गोबर कर रहे हैं, शायद इस ओर मुखिया का ध्यान नही है।
इस बारे में एक विस्तार आलेख अलग से प्रकाशित किया जायेगा।
वही दूसरी ओर कूर्माचल सांस्कृतिक एवं कल्याण परिषद देहरादून की सामूहिक मिलन समारोह गत वर्षो की भांति इस वर्ष भी कूर्माचल भवन, जीएमएस रोड, देदून में हर्षोल्लास से मनाई गयी जिसमें परिषद की समस्त शाखाओं के कलाकारों ने रंगारंग होली के भव्य कार्यक्रम पेश किये जिसमें आम जनता झूम उठी।
समारोह में कूर्माचल परिषद की तकनीकी टीम के इंजीनियरों तथा कुमायूंनी लेखिकाओं को सम्मानित किया गया। श्रीमती उमा जोशी व श्रीमती भारती पाण्डे तथा श्री एलएम पाण्डे जी को सम्मानित किया गया। संचालन चन्द्रशेखर जोशी महासचिव तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का संचालन डा० हरीश चन्द्र शाह व श्रीमती उमा जोशी ने किया। अंत में श्री आरएस परिहार केन्द्रीय अध्यक्ष ने सबका आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में परिषद के केन्द्रीय अध्यक्ष श्री आरएस परिहार, केन्द्रीय महासचिव चन्द्रशेखर जोशी, कार्यकारी अध्यक्ष श्री गिरीश चन्द्र भटट, वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री उमेश चन्द्र कापडी, व उपाध्यक्ष शेखर चन्द्र जोशी, लक्ष्मी रजवार, सांस्कृतिक सचिव डा० हरीश चन्द्र शाह व श्रीमती उमा जोशी व कोषाध्यक्ष वीरेन्द्र काण्डपाल, प्रचार प्रसार सचिव, उत्तम अधिकारी व वन्दना बिष्ट, सहसचिव श्री राजेश पाण्डे, संगठन सचिव जीवन सिंह बिष्ट, पुष्पा बिष्ट, लेखा परीक्षक कमल कांत पाण्डे, कानूनी सलाहकार सीपी जोशी, आर एस बिरौरिया श्री केएन पंत व शाखाओं से कांडली शाखा अध्यक्ष व सचिव मंजू देउपा, कांवली शाखा अध्यक्ष श्री पीसी लोशाली, सचिव गोविन्द बल्लभ पाण्डे, हाथीबडकला शाखा अध्यक्ष उत्तम सिंह अधिकारी, व माजरा शाखा अध्यक्ष श्रीमती सुष्मिता मनराल व उमा पाटनी, डीके पाण्डे, धर्मपुर शाखा से सचिव ललित मोहन जोशी, नत्थनपुर शाखा से वीरेन्द्र कांडपाल तथा लीलाधर पाण्डे व बालावाला शाखा से उमेश चन्द्र पाण्डे तथा देदून व मसूरी आदि स्थानों से आये हुए करीबन सैकडो गणमान्य लोगो ने होली के कार्यक्रमों का आनंद लिया।
Posted: 19 Mar 2016 11:30 AM PDT
BJP AMIT “UK खुल्लमखुल्ला खरीद-फरोख्त” भाजपा की साख पर गंभीर असर
नीचे दो लाईनें सोशियल मीडिया में जनता की प्रतिक्रिया है- जो भाजपा के प्रति नाराजगी व्‍यक्‍त कर रही है,  इससे ज्ञात होता है कि जनता यह समझ रही है कि भाजपा ने खुल्‍लम खुल्‍ला ख्‍रीद फरोख्‍त की, इससे भाजपा की सांख पर गंभीर असर पड रहा है, अन्‍य राज्‍यों में भी भाजपा को इसका नुकसान हो सकता है, दिल्‍ली के मुख्‍यमंती ने तो खुलकर भाजपा की निंदा की है वही सूत्रों का तो यह भी कहना है कि मोदी ने इस तरह के कार्यो पर अप्रसन्‍नता जतायी है-  यह भी संभावना जतायी जा री है कि कांग्रेस के इन विधायकों का मोदी रिपोर्ट कार्ड मांग सकते हैं कि इनका ग्रास रूट क्‍या है, ज्ञात हो कि हिमालयायूके न्‍यूज पोर्टल ने आज प्रात- ही यह संभावना जतायी थी-  www,himalayauk.org (Newsportal)
सोशियल मीडिया में जनता की प्रतिक्रिया –
1-बीजेपी सरकार आ गयी तो उत्तराखंड के सारे ठेके अम्बानी को मिलने लगेंगे ? बाकी आप समझ सकते हो विधायक खरीदने के पैसे बीजेपी के पास कहा से आये ?
2- बीजेपी पैसे के डैम पर ये सब खेल कर रही है , उत्तराखंड की जनता जिसने कांग्रेस को बहुमत दिया था , ये उस गरीब जनता का अपमान है
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि उनकी सरकार को अस्थिर करने के लिए बीजेपी पानी की तरह पैसा बहा रही है. उन्होंने कहा कि जहां तक बहुमत की बात है तो पहले मेरी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाए. रावत ने दावा किया कि बीजेपी के 5 विधायक हमारे संपर्क में हैं.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने उत्तराखंड में विधायकों की खुल्लमखुल्ला खरीद-फरोख्त की है।उन्होंने एक ट्वीट में कहा, “खुल्लमखुल्ला खरीद-फरोख्त। पहले अरुणाचल प्रदेश और अब उत्तराखंड। भाजपा सबसे अधिक भ्रष्ट, देशद्रोही और सत्ता की भूखी पार्टी साबित हो रही है।”
उत्तराखंड में चल रहे सियासी घमासान पर बीजेपी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि हरीश रावत सरकार बहुमत में नहीं रही. अब उन्हें सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है. 35 विधायक दिल्ली आकर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मिलना चाहते हैं. विजयवर्गीय ने कहा कि उत्तराखंड में हम सरकार बनाने के लिए भी तैयार हैं और चुनाव लड़ने के लिए भी. पूर्व सीएम और बीजेपी नेता रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि रावत सरकार अल्पमत में आ गई है और सीएम को इस्तीफा देना चाहिए.
उत्तराखंड कांग्रेस में बगावत का सामना कर रहे मुख्यमंत्री हरीश रावत को राज्यपाल ने 28 मार्च तक बहुमत साबित करने को कहा है. हरक सिंह रावत की अगुवाई में कांग्रेस विधायकों के एक गुट के बगावत के बावजूद हरीश रावत ने दावा किया है कि बहुमत उनके साथ है और बीजेपी के कई बागी विधायक उनके संपर्क में हैं. उत्तराखंड के पूर्व सीएम विजय बहुगुणा ने कहा कि उन्हें हैरत है कि अभी तक हरीश रावत ने अपने पद से इस्तीफा क्यों नहीं दिया है. उन्हें नैतिक आधारों पर इस्तीफा दे देना चाहिए था. उन्होंने हरीश रावत सरकार को बर्खास्त किए जाने की मांग की.
उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र में हंगामे के सदन को 28 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया है. कांग्रेस के विधायकों ने हरक सिंह रावत की अगुवाई में हरीश रावत सरकार के खिलाफ बगावत की है. बागियों में हरक सिंह रावत, बिजय बहुगुणा, सुबोध उनीयाल, अमृता रावत, शैला रानी रावत, प्रदीप बत्रा, कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन, शैलेंद्र मोहन सिंघल, उमेश शर्मा काऊ और दो अन्य विधायकों के नाम सामने आ रहे हैं.
उधर हरक सिंह रावत ने दावा किया है कि कांग्रेस के 13 विधायक उनके साथ हैं. विधानसभा में बीजेपी के 28 विधायक हैं. कांग्रेस के बागी विधायक बीजेपी के साथ खड़े हैं. इससे पहले, मुश्किलों में घिरी उत्तराखंड सरकार के बागी विधायक देर रात बीजेपी के विधायकों के साथ गुड़गांव पहुंचे. शनिवार को उन सबके बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मिलने की योजना है. बीजेपी ने नेता श्याम जाजू ने कहा कि राज्यपाल के पास गाए 35 विधायकों में 26 बीजेपी के और 9 कांग्रेस के हैं. ये विधायक राष्ट्रपति के सामने भी परेड के लिए जा सकते हैं. उत्तराखंड विधानसभा स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल ने कांग्रेस के 9 बागी विधायकों को दल-बदल कानून के तहत नोटिस दिया है. इसके पहले स्पीकर के साथ सीएम हरीश रावत और संसदीय कार्यमंत्री इंदिरा हृदयेश ने हाई लेवल की मीटिंग की. रावत ने इसके बाद कहा कि सरकार बहुमत साबित कर सकती है. बागी विधायकों को गलती मानकर माफी मांगने की मोहलत दी गई है. शनिवार शाम 7:30 बजे वह राज्यपाल केके पॉल से मुलाकात करेंगे.
बीजेपी नेता श्रीकांत शर्मा ने कहा कि उत्तराखंड में कांग्रेस सरकार को बर्खास्त करना चाहिए. उनके पास बहुमत नहीं है. वहीं कांग्रेस से बीजेपी में आए सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखंड के विधायक के साथ हम अमित शाह से मिलने जाएंगे.
;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;हरीश रावत कैसे झटका खा गये-.; 18 मार्च 2016 को हरीश रावत ने असंतुष्‍टों की सारी मांग मान कर संकट खत्‍म समझ लिया था- उस समय का घटनाक्रम
उत्तराखंड सरकार पर मंडरा रहा संकट अब खत्म हो गया है. सूत्रों की मानें तो बागी गुट (हरक सिंह रावत) के 13 विधायकों को हरीश रावत ने मना लिया है. यही नहीं हरक सिंह को मनपसंद  सीट से चुनाव लड़ने की पेशकश कर दी गई है. इसके अलावा पूर्व सीएम विजय बहुगुणा के राज्यसभा भेजने का रास्ता भी साफ हो गया है.
इससे पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा था कि बीजेपी के पांच विधायक उनके साथ कभी भी आने को तैयार हैं. इससे घबरा कर बीजेपी दुष्प्रचार कर रही है. किशोर उपाध्याय ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत के पद पर बने रहने की बात दोहराते हुए कहा था कि ‘राज्य में कांग्रेस सरकार को कोई खतरा नहीं है. हरीश रावत सीएम थे और रहेंगे. हमारे पास 42 विधायकों का समर्थन है और अगर उनमें से 1-2 विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं भी तो उससे सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ता.’ जबकि सूत्रों के मुताबिक ये बात सामने आ रही है कि विरोधी गुट हरीश रवात की जगह विजय बहुगुणा को फिर से मुख्यमंत्री पद देने की मांग कर रही है.
ऐसी खबर आई थी कि उत्‍तराखंड सरकार में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है. सरकार में अब बगावत की बू आने लगी है. गुरुवार को 13 कांग्रेसी विधायकों ने सीएम हरीश रावत के खिलाफ अपना असंतोष जाहिर कर दिया.मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस के 13 विधायक बागी हो गए हैं.
Posted: 19 Mar 2016 11:07 AM PDT
GANESH JOSHI IN JAIL 18 MARCH 16उत्तराखंड पुलिस के घोड़े शक्तिमान को ज़ख़्मी करने के आरोपी बीजेपी विधायक गणेश जोशी को देहरादून की कोर्ट से ज़मानत नहीं मिली। अदालत ने उनकी जमानत याचिका को आज सिरे से खारिज कर दिया। www.himalayauk.org 
उत्तराखंड पुलिस के घोड़े ‘शक्तिल‍मान’ को लहूलुहान करने वाले बीजेपी विधायक गणेश जोशी की जमानत याचिका रद्द हो गई है. उन्हें शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया, जिसके बाद शनिवार को कोर्ट ने उन्हें् जमानत देने से इनकार कर दि‍या.
विधायक पर देहरादून में बीजेपी के प्रदर्शन के दौरान पुलिस के घोड़े ‘शक्तिमान’ को घायल करने के आरोप हैं. शुक्रवार को विधायक की गिरफ्तारी से पहले पुलिस ने इसी मामले में गुरुवार को भारतीय जनता युवा मोर्चा (बीजेवाईएम) के प्रमोद बोरा को भी गिरफ्तार कर लिया था.
काटा गया घोड़े का पैर बोरा पर घोड़े की लगाम खींचने के आरोप हैं. बोरा को हल्द्वानी से गिरफ्तार किया गया. गणेश जोशी मसूरी से बीजेपी के विधायक हैं. सोमवार को गंभीर रूप से घायल घोड़े का एक पैर भी काटना पड़ा, जिसके बाद उसे कृत्रिम पैर लगाया गया.
पुलिस ने कहा कि जब बीजेपी ने विधानसभा का घेराव किया था, तब बोरा ने ही सोमवार को घोड़े की लगाम खींची थी. पुलिस को बीजेपी के ही एक और कार्यकर्ता जोगिंदर पुंढीर की तलाश है, जिस पर आरोप हैं कि उसने घुड़सवार को नीचे उतारने की कोशिश की थी.
बताया जाता है कि इसी कारण घोड़े ने अपना संतुलन खोया और उसकी टांग में फ्रैक्चर हो गया. हालांकि, गणेश जोशी ने कहा था कि लगाम खींचने वाले का बीजेपी से कोई संबंध नहीं है. उत्तराखंड पुलिस ने इसी मामले में नैनीताल जिले के हल्द्वानी से भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के नेता प्रमोद बोरा को भी गिरफ्तार किया था। बोरा पर आरोप है कि उसने शक्तिमान की लगाम इस प्रकार से खींची कि वह अनियंत्रित हो कर गिरा और उसका पूरा वजन उसके शरीर के पिछले हिस्से पर आ गया और उसकी पिछली टांग की हड्डियां टूट गईं। उत्तराखंड पुलिस के प्रशिक्षित घोड़े शक्तिमान पर कथित रूप से लाठी से हमला कर उसे घायल करने के आरोप में भाजपा विधायक गणेश जोशी और उनके सहयोगियों पर पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
Posted: 19 Mar 2016 11:00 AM PDT
RANDEEP SURJEWALAसभी संवैधानिक कायदे-कानूनों को धता बताते हुए लुभाकर विधायकों को तोड़ने की क्या यह पारदर्शिता एवं जवाबदेही की राजनीति की मोदी संस्कृति है?’ www.himalayauk.org 
उत्तराखंड की कांग्रेस सरकार में बढ़ते संकट के बीच कांग्रेस पार्टी ने आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर आरोप लगाया कि वे धन का लोभ देकर और राजनीतिक सत्ता का इस्तेमाल कर गैर-भाजपा सरकारों को अस्थिर करना चाहते हैं।
कांग्रेस के मुख्‍य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि उनकी पार्टी इस साजिश से ‘आतंकित’ नहीं है और सरकार की तरफ से पेश चुनौती का सामना करने के लिए सभी तरह के कानूनी, सियासी और संवैधानिक उपायों पर विचार करेगी।
सुरजेवाला ने कहा कि अगर जरुरत पड़ी तो हरीश रावत सरकार विधानसभा के सदन में अपना बहुमत साबित करने के लिए तैयार है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ‘मोदी और शाह की जोड़ी इस देश में निर्वाचित सरकारों को जबरन हटाने के लिए बदनाम है। एक नापाक साजिश से चुनी हुई सरकारों को अस्थिर किया जा रहा है। अरुणाचल प्रदेश के बाद यह उत्तराखंड है।’
सुरजेवाला ने कहा कि दिल्ली और उसके बाद बिहार के चुनावों में हार के बाद भाजपा ये कदम उठा रही है, क्योंकि इन चुनावों से उसे लग रहा है कि वह किसी भी राज्य में चुनाव से सत्ता में नहीं आ सकती।
कांग्रेस प्रवक्ता ने सवाल किया, ‘सभी संवैधानिक कायदे-कानूनों को धता बताते हुए लुभाकर विधायकों को तोड़ने की क्या यह पारदर्शिता एवं जवाबदेही की राजनीति की मोदी संस्कृति है?’ सुरजेवाला की यह टिप्पणी ऐसे वक्त में आई है जब उत्तराखंड में भाजपा विद्रोही कांग्रेस विधायकों के समर्थन का दावा कर रही है और कह रही है कि राज्य विधानसभा में उसका बहुमत है।
Posted: 19 Mar 2016 12:34 AM PDT
2बागियों में हुई बगावत, बागियों में से पांच विधायकों ने तथा भाजपा के भी कुछ विधायकों ने समर्थन देने के लिए हरीश रावत से संपर्क किये जाने की खबर आ रही है,  www.himalayauk.org (UK Leading Newsportal)
वही हरीश रावत ने कहा कि किसी के दबाव में नहीं झुकूंगा। मेरे लिए राज्य का हित पहले है। हालांकि अभी किसी ने इस्तीफा नहीं दिया है। कई विधायक हमारे संपर्क में हैं। बागियों में से पांच विधायकों ने संपर्क किया है। हम गलती मानने वालों को माफ करेंगे। हमारे पास समर्थन है बहुमत साबित करेंगे। सीएम हरीश रावत ने कहा है कि उनकी सरकार को कोई खतरा नहीं हैं और बीजेपी हॉर्स ट्रेडिंग में लगी है।
मुख्‍यमंत्री हरीश रावत ने कहा है कि अल्पमत में नहीं है हमारी सरकार वही विजय बहुगुणा जी को अपनी ऐतिहासिक भूल के लिए पार्टी से क्षमा मांगनी चाहिए तथा विजय बहुगुणा के पिता हेमवती नंदन बहुगुणा जी की आत्मा स्वर्ग में भी दुखी हो रही होगी कि ये उनके पुत्र को आखिर क्या हो गया है, स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल का बयान आया है कि , कांग्रेस के सभी बागियों को भेजे जाएंगे नोटिस वही कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने कहा बीजेपी ने जो किया है उसकी जितनी निंदा की जाए कम है.
उत्तराखंड विधानसभा स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल ने कांग्रेस के 9 बागी विधायकों को दल-बदल कानून के तहत नोटिस दिया है. इसके पहले स्पीकर के साथ सीएम हरीश रावत और संसदीय कार्यमंत्री इंदिरा हृदयेश ने हाई लेवल की मीटिंग की. रावत ने इसके बाद कहा कि सरकार बहुमत साबित कर सकती है. बागी विधायकों को गलती मानकर माफी मांगने की मोहलत दी गई है. शनिवार शाम 7:30 बजे वह राज्यपाल केके पॉल से मुलाकात करेंगे.
पीडीएफ में शामिल बसपा विधायक करीम अंसारी पर भाजपा ने डाले डोरे. अंसारी के दिल्ली पहुंचने की खबर. भाजपा की नजर अब पीडीएफ पर.पीडीएफ को तोड़ने की तैयारी में भाजपा.
70 सदस्यीय राज्य विधानसभा में उस समय असमंजस की स्थिति पैदा हो गई जब पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा और कृषि मंत्री हरक सिंह रावत सात अन्य कांग्रेस सदस्यों के साथ विपक्षी बीजेपी के साथ सुर में सुर मिलाते हुए बजट पारित कराने के लिए मत विभाजन की मांग करते हुए उनके साथ सदन में धरने पर बैठ गए।
हालांकि, अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने सदस्यों की मत विभाजन की मांग को अस्वीकार कर दिया और ध्वनिमत से बजट के पारित होने की घोषणा करते हुए सदन की कार्यवाही 28 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी।
अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि 35 विधायकों ने विनियोग बजट के खिलाफ मतदान किया है। इसलिए हरीश रावत सरकार अल्पमत में आ गई है। उन्होंने कहा कि 35 विधायकों ने सदन में विधानसभा अध्यक्ष से कहा कि उन्होंने सरकार के खिलाफ मतदान किया है। लेकिन विस अध्यक्ष ने उनकी बात नहीं मानी। जिस कारण वो और बाकी के विधायक राज्यपाल से मिले। और पूरी घटना से अवगत करवाया। कहा कि सदन में विधानसभा अध्यक्ष ने राष्ट्रगान तक नहीं करवाया है।
कहा कि हरीश रावत सरकार भष्ट्राचार में डूबी हुई है। मुख्मंत्री से कोई मिल नहीं सकता है। चौबीसों घंटे उनके चमचे उन्हे घेरे रहते हैं। इस कारण इस सरकार के खिलाफ मतदान किया गा है। आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री रावत सब विधायकों को खरीद सकते हैं। कहा कि उन्हे भी पीडब्ल्यूडी, आपदा, जलागत आदि विभागों को लालच दिया गया था। लेकिन वो लालच में नहीं फंसे। क्योंकि वो राज्य की जनता के साथ खड़े होना चाहते हैं।
वही दूसरी ओर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आरोप बीजेपी पर आरोप लगाया है कि भाजपा राज्य में पैसे के दम पर राज्य सरकार को गिराना चाहती है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार के पास बहुमत है. उधर दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह कांग्रेस के 9 और बीजेपी के 26 विधायकों से मुलाकात हो रही है,
वहीं उत्तराखंड के कांग्रेस के नेता आज राज्यपाल केके पॉल से मिलकर बागी विधायकों को बर्खास्त करनिे की मांग कर सकते हैं. हालांकि अब इस मामले में अंतिम फैसला राज्यपाल को करना है. लेकिन दिल्ली से लेकर देहरादून तक राज्य की राजनीति में काफी उठापटक रहेगी.
सोशल मीडिया पर जनता की तीव्र प्रतिक्रिया आ रही है-
Hema Negi Karasi Hemu
“जो अपने घर का ना हो सका वो किसी और का कैसे होगा !! ऐसे सत्ता के लालची लोगों का सार्वजनिक बहिस्कार होना चाहिये !! चाहे सरकार किसी की भी हो पर जो कुर्सी के लालच में दल बदल दे उसका जनता द्वारा सार्वजनिक बाहिस्कार होना चाहिये” !!
Khajan Pandey
मित्रो तानाशाहों ने एक बार फिर लोकतंत्र का गला घोंटने का प्रयास किया है…..
कुछ लोग सरकार में मनमानी चाहते थे जो सम्भव नहीं था और उन्होंने वो ही किया जिसकी पिछले कुछ दिनों से आशा थी !!!
खैर कोई बात नहीं सच्चाई की जीत होगी…..
रावत जी आप डटे रहो जनता आपके साथ है …..
Posted: 18 Mar 2016 11:29 AM PDT
8इस खबर की शुरूआत 13 मार्च 2012 से कर रहा हूं, जब विजय बहुगुणा ने उत्‍तराखण्‍ड के मुख्‍यमंत्री पद की शपथ ली थी, उस समय यह कहा गया था कि श्री हेमवती नंदन बहुगुणा के सच्‍चे राजनीतिक वारिस सिद्व होगे विजय, परन्‍तु यह तो कांग्रेस को धोखा देने वाले सिद्व हुए, इसका दूरगामी असर पडेगा तथा कांग्रेस हाईकमान के दरबार में समय समय पर उनकी पैरवी करने वाली उनकी बहिन श्रीमती रीता बहुगुणा जोशी के भी रास्‍ते बंद कर दिये- वही कांग्रेस में अपने समर्थकों का भी रास्‍ता बंद कर गये-  www.himalayauk.org (Leading Digital Newsportal) 
देहरादून १३ मार्च, २०१२
मंगलवार को परेड ग्राउण्ड में आयोजित एक कार्यक्रम में राज्यपाल श्रीमती मार्ग्रेट आल्वा ने उत्तराखण्ड के सातवें मुख्यमंत्री के तौर पर श्री विजय बहुगुणा को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी। श्री बहुगुणा ने हिन्दी में शपथ ली। कार्यक्रम का संचालन मुख्य सचिव सुभाश कुमार द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री गुलामनबी आजाद, सांसद श्री सतपाल महाराज, प्रदेश प्रभारी चौधरी वीरेन्द्र सिंह, प्रदेश अध्यक्ष यशपाल आर्य, विधायक सुबोध उनियाल, नवप्रभात, अमृता रावत, विजयपाल सिंह सजवाण, मंत्री प्रसाद नैथानी, दिनेश धनै, प्रीतम पंवार, हरीश दुर्गापाल, श्रीमती शैलारानी, षैलेन्द्र सिंघल, अनुसुइया प्रसाद मैखुरी, गणेश गोदियाल, सुन्दरलाल मंदरवाल, कुंवर प्रणव सिंह चैम्पियन, उमेश षर्मा, राजकुमार, विक्रम नेगी, पूर्व मुख्यमंत्री श्री एन.डी.तिवारी, मेजर जनरल (से.नि.) भुवन चन्द्र खण्डूडी, रमेश पोखरियाल निशंक सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री बहुगुणा जी की बहन श्रीमती रीता बहुगुणा जोशी भी उपस्थित थी।
मुख्यमंत्री है या ब्यापारी
उत्तराखंड पर थोपे गए मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने जब से भाजपा के किरण मंडल को खरीद फअरोक्त्त से सीट खाली करवाई है तब से भाजपा का कोई भी विधायक उनसे मिलने नहीं जा रहा था . ये संभवत दुनिया का एकमात्र उद्धरण होगा की कोई विपक्ष का विधायक किसी मुख्यमंत्री के पास अपनी समस्याओं को लेकर गया और वो एक हफ्ते तक गायब हो गया . और फिर उसे लाल बत्ती देकर सोदेबाजी की गयी .कितने अफ़सोस की बात है की देवभूमि की बागडोर आज किसी पुरुषार्थी की बजाय एक ब्यापारी के हाथ में है अब बेचारे विधायक क्या करे अपने छेत्र की समस्यआऊं को लेकर किस के पास जाएँ
अकसर भूल जाते है पहाड़ से निकले हुए प्रतिष्ठित लोग अपनी जन्मभूमि / देवभूमि को! बहुत बड़े-२ लोग पैदा उसे इस धरती में जिन्होंने विश्व पटल में भी अपना और देश का नाम कमाया पर, वह मिटटी का कभी याद नहीं आयी, जहाँ विताये थे वचपन के दिन, तपती गर्मी से पाई थी ठंडी हवा! “बड़े हुए तो क्या हुए जैसे पेड़ खजूर”!
———————बहुगुणा के-राज्‍य के मुख्‍यमत्री बनने के समय की प्रतिक्रिया ——
बहुगुणा के सच्चे राजनीतिक वारिस सिद्ध होगे लेखक विजेंद्र रावत उत्तउराखंड के वरिष्ठि पत्रकार ने लिखा था
बात करीब ढाई दशक पहले की है. स्व. हेमवती नंदन बहुगुणा तब लोकदल में थे. हरियाणा के दिग्गज नेता देवी लाल उन्हें दगा दे चुके थे और उन्हें दिल की बीमारी ने घेर लिया था. मैंने तब हिंदुस्तान अखबार में उप सम्पादक के रूप में ज्वाइन किया था. बहुगुणाजी का आवास लोदी कालोनी नई दिल्ली में था. जहां मेरा काफी आना-जाना था. बहुगुणा जी कभी-कभी घंटों लोगों से बातें करते थे. डाक्टरों ने उन्हें शायद दूसरी बार दिल के आपरेशन की सलाह दे दी थी.
एक दिन उत्तराखंड की समस्याओं पर चर्चा के दौरान बेहद गंभीर होकर बोले – मैं ऐसे समय पहाड़ में आया जब मेरे पास ज्यादा समय नहीं है. यदि मेरे पास 20 साल का समय होता तो मैं उत्तराखंड को विकास की ऐसी दिशा दे जाता कि आने वाली पीढि़याँ याद करती. कुछ देर मौन रहे फिर बोले – आज भी मेरे सपनों में मुझे गाँव में रहने वाली मेरी बड़ी दीदी दिखाई देती है. कहीं पहाड़ी से सर पर लकड़ी व घास का बोझ लेते हुए.. अचानक मुझ से सवाल करती है…हेमू…(शायद काडू).. तू इतना बड़ा नेता बनाता है पर तू हमारे सर से ये बोझ नहीं उतार पाया, क्या तू ये बोझ कभी हमारे सर से उतार पायेगा? और यह कह कर वह पहाड़ी पगडंडी पर आगे बढ़ जाती है!!
बहुगुणा जी भावुक होकर कहने लगे कि यह सपना मैं कई बार देखा चुका हूँ. मुझे आज भी याद है… हर पल उत्साह से लबरेज बहुगुणाजी का गला तब भर आया था और वहां बैठे लोग भी भावुक हो गये थे. इस पर मैंने कहा – बहुगुणा जी अभी तो आपने देश का प्रधानमंत्री बनना है? इस पर वे बोले – बेटे, मेरे पास अगर समय होता तो मैं इंडियन पॉलिटिक्स को नई दिशा दे जाता.. पर शरीर साथ नहीं दे रहा है.
एक दिन बोले – ब्रह्मदत्त क्या कर रहे हैं? (तब पं. ब्रह्मदत्त टिहरी से सांसद और केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री थे.)… उन्हें कहना कि पहाड़ के लोग गरीब होते हैं जो मांगे उसे गैस कनेक्शन जरूर दे देना. बेचारे आज भी दिल्ली में अधिकाँश लोग अंगीठी में खाना पकाने को मजबूर हैं! मैंने दूसरे दिन यह सन्देश हू-ब-हू ब्रह्मदत्त जी को दे दिया. उसके बाद ब्रह्मदत्त जी ने लोगों को खूब कनेक्शन बांटे. खुद मैंने ऐसे-ऐसे पत्रकारों को गैस कनेक्शन दिलवाए, जो आज देश के नामी गिरामी लोगों की सूची में हैं. कुल मिलाकर बहुगुणा जी हिमालय के विकास के बड़े इंजीनियर थे. बड़े से बड़े पहाड़ के विशेषज्ञ भी उनकी बात विद्यार्थियों की तरह सुनते थे.
आज नये मुख्यमंत्री के रूप में उनके पुत्र विजय बहुगुणा के हाथ में उत्तराखंड की कमान आ गई है. वे बड़े बाप के बेटे हैं. दूसरी बार टिहरी गढ़वाल से सांसद हैं पर लोकसभा के अन्दर आज तक उत्तराखंड की किसी भी समस्या को उन्हें प्रभावी ढंग से उठाते हुए नहीं देखा, पर अब उन पर उत्तराखंड के भविष्य की जिम्मेदारी आ गई है. हर पहाड़वासी को उम्मीद करनी चाहिए कि वे बहुगुणा के सच्चे राजनीतिक वारिस सिद्ध होंगे. और वे हमारी तमाम शंकाओं को झुठला देंगे. नये मुख्यमंत्री को हमारी शुभ कामना.
Posted: 18 Mar 2016 09:40 AM PDT
1उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने बजट पर वोटिंग से इंकार करने के साथ ही विपक्ष ने जमकर हंगामा किया. भाजपा और कांग्रेस के असंतुष्ट विधायक राज्यपाल से मिलकर चार्टेड प्लेन से दिल्ली के लिए निकल गए हैं. बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिन की बैठक शनिवार को दिल्ली में शुरू हो रही है। करीब 12 कांग्रेसी एमएलए की मदद से बीजेपी सरकार बनाने की कोशिश कर सकती है। सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात कही जा रही है। हालांकि यह भी संभावना जतायी जा रही है कि भाजपा चुनाव को करीब देखते हुए सरकार नही बनायेगी हरीश रावत ने कहा- “उत्तराखंड की जनता सब देख रही है। दिल्ली में बीजेपी ने ऐसा करने का प्रयास किया था वहां क्या हाल हुआ पूरे देश ने देखा है।”
– “सरकार को कुछ नहीं होने जा रहा है, क्योंकि जनता का आशीर्वाद और विश्वास हमारे पास है।”
– उत्तराखंड के कांग्रेस प्रेसिडेंट किशोर उपाध्याय ने कहा कि राज्य में कांग्रेस सरकार को कोई खतरा नहीं है।
उत्तराखंड असेंबली का सेशन आज खत्म होने के बाद मत विभाजन के लिए सदन जुटा। उत्‍तराखण्‍ड सदन में वित्त विधेयक पास कराने के दौरान दो मंत्रियों की हरकत से सदन में हड़कंप मच गया। शुक्रवार को सुबह से ही सदन में हंगामा होने के आसार लगाए जा रहे थे। बजट सत्र के दौरान सदन गैलरी में कांग्रेस नेता और कृषि मंत्री हरक सिंह रावत तथा सरकार को समर्थन दे रहे पीडीएफ नेता मंत्री प्रसाद नैथानी के बीच सदन में मारपीट हो गई। सदन के गलियारे में दोनों नेताओं के बीच गाली-गलौच शुरू हो गई। इसी बीच दोनों नेताओं के बीच हाथापाई भी हुई।
इसी बीच सदन से खबर आ रही है कांग्रेस के असंतुष्ट 9 विधायक भाजपा के समर्थन में आ गए हैं। भाजपा के 26 विधायकों और 9 असंतुष्ट हरक और विजय बहुगुणा के नेतृत्व में अंसुष्ट संगठित हुए, सुबह से ही सदन में हंगामेदार स्थिति से बचने के लिए सरकार सुबह से ही प्रयास कर रही थी। इसके पहले सदन के बाहर असंतुष्टों के भाजपा से मिलने की खबरों ने दिनभर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ाए रखी।
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में दिनभर के सियासी ड्रामे के बाद देर शाम विधानसभा में जोरदार हंगामा हुआ। कांग्रेस के 9 विधायक सरकार के खिलाफ विपक्षी पार्टी बीजेपी के साथ खड़े दिखे। सदन और बाहर नेताओं ने जमकर हंगामा किया। पार्टी के विधायकों के विपक्ष में खड़े होने के बाद मुख्यमंत्री हरीश रावत की कुर्सी खतरे में दिख रही है।
बीजेपी ने वित्त विधेयक पर मत विभाजन की मांग की, जिसे विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने नकार दिया। इसके बाद बीजेपी नेताओं ने जमकर हंगामा काटा और कांग्रेस के 9 विधायक भी इस मामले में सरकार के खिलाफ खड़े हो गए।
हंगामे के बीच उत्तराखंड विधानसभा को 28 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। बता दें कि इन दिनों उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र चल रहा था।
हंगामे के बाद बीजेपी विधायक देर शाम राज्यपाल केके पॉल से मिलने पहुंचे। इस बीच केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ नेता महेश शर्मा भी देहरादून पहुंच गए हैं।
सुबह एक बार ऐसी खबरें मिली कि सरकार ने असंतुष्टों को साधने में कामयाबी पा ली है लेकिन सरकार की सारी कोशिशों के बावजूद विधानसभा में न सिर्फ कांग्रेस विधायक बल्कि मंत्री भी सरकार के विरोध में आ गए। विधानसभा में उस समय अजीबो-गरीब स्थित पैदा हो गई, जब कांग्रेस के विधायक सुबोध उनियाल, हरक सिंह रावत, प्रणव चैम्पियन, विजय बहुगुणा शैलारानी रावत, उमेश शर्मा काऊ, प्रदीप बत्रा भाजपा के साथ नारेबाजी करते हुए दिखाई दिए.
हंगामे के बीच पेयजल मंत्री के साथ भी धक्का-मुक्की हुई. हंगामे के बीच स्पीकर सीट छोड़कर चले गए
विधानसभा में चल रहा सत्र शुक्रवार को खत्म होगा. चर्चा है कि लगभग एक दर्जन कांग्रेसी विधायकों की मदद से भाजपा सरकार बनाने की कोशिश करेगी.
बताया जा रहा है कि इस दौरान सरकार के दो मंत्रियों हरक सिंह रावत और मंत्री प्रसाद नैथानी के बीच जमकर हाथापाई भी हुई. विधानसभा की गैलरी में भी दोनों मंत्रियों और उनके समर्थक विधायकों के बीच झड़प हुई.
मुख्य विपक्षी दल भाजपा के विधायक विधानसभा में धरने पर बैठकर वोटिंग की मांग कर रहे हैं. सदन में वोटिंग को लेकर उत्तराखंड विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ जिसपर सदन की कार्यवाही बाधित हुई.
वोटिंग की मांग को लेकर भाजपा विधायकों को पाले में कुछ कांग्रेस के विधायक भी शामिल हो गए. बताया जा रहा है कि स्पीकर वोटिंग की मांग को नहीं मानते तो भाजपा राज्यपाल के पास अपनी शिकायत लेकर जाएगी. इससे पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा था कि भाजपा के पांच विधायक कांग्रेस में आने को तैयार हैं. इससे घबरा कर बीजेपी दुष्प्रचार कर रही है.
सदन में सरकार के लिए उस समय मुश्किल स्थिति खड़ी हो गई जब पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा, कृषि मंत्री हरक सिंह रावत, ‌कांग्रेस विधायक प्रदीप बत्रा प्रणव सिंह चैंपियन, शैलारानी समेत 9 विधायक अपनी ही सरकार के विरोध में आ गए।
Posted: 18 Mar 2016 08:22 AM PDT
HARAK DANCEउत्तराखंड विधानसभा में कुछ कांग्रेस के मंत्री हरीश रावत को धोखा दे गये, तथा मत विभाजन के समय भाजपा के साथ खडे हो गये- हरक सिंह रावत, विजय बहुगुणा, अमता रावत, शैलेन्‍द्र सिंघल, सुबोध उनियाल की विधानसभा सदस्‍यता जाना तय, 9 विधायक सरकार के खिलाफ खडे हो गये, तथा इन्‍होंने भाजपा का साथ देते हुए भाजपा के नारे लगाये- यह लोग दलबदल कानून के दायरे मे अा गये है, हरक सिंह रावत और बहुगुणा के नेतत्‍व में विधायकों ने सदन में काटा हंगामा, अपनी सरकार के खिलाफ नारे लगाये इन विधायकों ने
विधानसभा में कांग्रेस के 36, भाजपा के 28, निर्दलीय 03, बसपा के 02 और यूकेडी का एक विधायक है. कांग्रेस को अपने 36 विधायकों के साथ-साथ पीडीएफ (निर्दलीय, बसपा और यूकेड) के छह विधायकों का भी समर्थन हासिल है.
कांग्रेस की मानें तो उसे कुल 42 विधायकों का समर्थन हासिल है, लेकिन बहुगुणा गुट के छह विधायक खुलकर हरीश रावत के विरोध में हैं तो भाजपा सूत्रों का दावा है कि कम से कम कांग्रेस के दस असंतुष्ट विधायक भाजपा के संपर्क में हैं. उधर, पीडीएफ में भी, कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए सतपाल महाराज के समर्थक कुछ विधायक, भाजपा के संपर्क में बताए जा रहे हैं.
विनमय विधेयक पास करने में फंसी हरीश सरकार,सत्ता पक्ष के 9 विधायक विपक्ष के साथ विनमय विधेयक के पक्ष में वोटिंग करने के लिए हई खड़ी,सत्ता पक्ष के 9 विधायको को विपक्ष के साथ खड़े देख उड़े बाकी बचे कांग्रेसी विधयकों के होश उड गये, मंत्री प्रसाद नैथानी के ने सैला रानी रावत को सरकार के पक्ष में वोटिंग करने के बाद सदन और सदन के बाहर हुआ हंगामा,विपक्ष के साथ खड़े हुए कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत,पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा,विधायक अमृता रावत,कुंवर प्रताप चौपियन,सैला रानी रावत,सुबोध उनियाल,प्रदीप बत्रा,शैलेन्द्र मोहन सिंघल,उमेश शर्मा काऊ,
उत्तराखंड सरकार के  मंत्री हरक सिंह रावत और मंत्री प्रसाद नैथानी के बीच हाथापाई
18 मार्च ;आज भुचाल लाने वाले प्रमुख घटना कर्म- Breaking News : उत्तराखंड में हरीश रावत के करिबियों के यहाँ आयकर विभाग के छापे
बड़ी खबर; बीजेपी नेताओ की धार पकड़ शुरू;
भाजपा विधायक गणेश जोशी को देहरादून पुलिस ने गिरफ्तार किया ! खबर की बीजेपी नेताओ ने पुष्टि की; ;
बीजेपी विधायक की अरेस्टिंग के बाद बीजेपी किसी भी हद तक जाने को तैयार; बीजेपी ने अब हरीश रावत सरकर के खिलाफ कांग्रेस के कुछ विधायको को दिया बड़ा ऑफर; अपुष्ट सूत्रो के हवाले से आ रही खबरों के अनुसार उत्तराखण्ड की राजनीती में आ सकता है बड़ा भूचाल। देहरादून में 11 विधायकों को होटल में रखा है। सबने अपने मोबाईल फोन स्वीच ऑफ़ किये है। इन्होंने गनर भी वापस कर दिए है।
बहुगुणा गुट का हरीश रावत को दवाव में लाने की सुपर रणनीति; बहुगुणा गुट का टॉप सोशल मीडिया मैनजमेंट; हरक के मीडिया मैनेजर्स की टॉप रणनीति; 18 March; विधान सभा के बजट सत्र का आखिरी दिन ; बीजेपी विधायक की गिरफ़्तारी के बाद गर्म हुए माहोल को बहुगुणा गुट ने भुनाने की रणनीति बनाई; हरीश रावत को प्रेशर में लाकर अपनी 2 मुख्य मांग पूरी करवाने की रणनीति; 1- बहुगुणा को राज्यसभा सीट 2- सुबोध को मंत्री पद ; सोशल मीडिया में खबर चली की अगर हरीश रावत ने ये दो मांगे पूरी नहीं की तो 18 मार्च विधान सभा में सरकार के फेवर में वोटिंग नहीं कर सरकार गिरा देंगे; तथा बीजेपी सरकार बनाने को समर्थन देने को तैयार हो गई है; पूरी कॉग्रेस एक बार को तो दबाब में आ गई; विधान सभा में आज हर छोटा-बडा नेता मौजूद है; मंडी परिषद चेयरमैन भी किसी बड़ी ख़ुशी के इंतजार में सदन सभा मंडप के द्वार पर खड़े थे; वही हरीश रावत जी की बेचैनी भी आज सदन में देखि गई; मीटिंग दर मीटिंग का दौर चालू है; कॉग्रेस हाई कमान तक ये खबर पहुची; हाई कमान सख्त हुआ तथा कांग्रेस के बीजेपी की नाराजगी के नाम पर मोलतोल करने वाले महानुभाव कांग्रेस हाई कमान की राडार पर आये;
बड़ी बात ; पारा टॉप में ले जाकर निचे लाना यह राजनीती के माहिर खिलाड़ी हरीश रावत को बखूबी आता है – सब की हवा दो मिनट में निकाल दी तथा बागियों को पीजरे में डालने में कामयाबी पाई- देहरादून विजय बहुगुणा राज्य सभा सुबोध उनियाल और शैलेंद्र मोहन सिंघल मंत्री बनेंगे दिनेश अग्रवाल की छुट्टी
इनकम टैक्स विभाग ने देहरादून में सरकार के करीबी लोगो के घर पर की छपे मारी, मुख्यमंत्री के मिडिया कोर्डिनेटर राजीव जैन,ठेकेदार इंद्र खत्री और शराब कारोबारी हवेलिया के घर पर इनकम टैक्स विभाग ने मारे छापे।
Top Breaking ; UK sarkar in vidhan sabha; just abi sbi : कांग्रेस के कुछ विधायक सरकार के खिलाफ सदन में; हंगामा; बीजेपी तोड़ने में सफल रही हरक गुट को
आज की सबसे बड़ी खबर
उत्तराखंड विधानसभा में सदन में हाथापाई , हरक सिंह रावत और मंत्री प्रसाद नैथानी के बीच हाथापाई , और गाली गलोच ,
अपनी ही सरकार के खिलाफ कांग्रेस विधायको ने लगाए नारे
बिग ब्रेकिंग
👉🏼स्पीकर ने विपक्ष की मत विभाजन की मांग की खारिज
ध्वनिमत से पारित हुआ मनी बिल।
स्पीकर के निणर्य के बाद सदन में जबरदस्त हंगामा।
सरकार के दो काबीना मंत्रियों में हाथापाई-मारपीट की खबर
Big Breaking
विजय बहुगुणा पूर्व CM कांग्रेस, मंत्री हरक सिंह रावत, अमृता रावत के नेतृत्व में कांग्रेसी विधायकों का बेल में हंगामा,
कांग्रेस मुर्दाबाद के नारे लगा रहे कांग्रेसी विधायक
बीजेपी ज़िंदाबाद के नारे लगा रहे कांग्रेसी विधयक
कांग्रेस के 9 विधायक
मंत्री प्रसाद नैथानी और मंत्री हरक सिंग रावत के बिच हाथापाई की खबर,
विधानसभा, देहरादून।
-कांग्रेस विधायको ने लगाये बीजेपी जिंदाबाद के नारे; Bjp जिंदाबाद के नारे लगाने का मतलब; काफी गहरा था खेल;
उतराखण्ड विधानसभा लाइव
7:35 पर विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने विपक्ष की वोटिंग के मांग खारिज की। सता पक्ष वाले बाहर निकले । मुख्यमंत्री हरीश रावत खुशी से गए अपने दफ्तर। मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी गैलरी मे आए उनके साथ राजेन्द्र भंडारी आए । भंडारी ने नारे लगाए कि हरीश रावत को दोबारा लाना है। उनका
हरक सिंह रावत के प्रति नैथानी जी गुस्सा प्रकट किया। तो विजय चौहान श्रोतिया ने विरोध जताया। गैलरी मे तनाव है ।
हरीश रावत के समर्थन मे नारे लग रहे है
विपक्ष के सदस्य सदन के भीतर । हरक सिंह रावत और उनके समर्थक विधायक सदन के भीतर। मार्शल
गेट बंद किए । हरक सिंह रावत जिंदाबादके नारे पहले लगे । उसके बाद हरीश रावत जिन्दाबाद के नारे लगने बंद नही हो रहे है । स्पीकर कुंजवाल अपने आफिस मे है । और सीएम भी तमाम मंत्री व विधायक के साथ अपने आफिस मे है डीएम एसएसपी तैनात ।
ये थी देहरादून की एंड विधान सभामें भूचाल लाने वाली खबर ; जिसमे कांग्रेस के कुछ विधायक बागी बन कर भी हरीश सरकार को हिला नहीं पाये पर खुद बेनकाब हो गए-www.himalayauk.org
Posted: 18 Mar 2016 07:04 AM PDT
KATPUTLEEलुप्त होती कठपुतली कला... presents by www.himalayauk.org (Leading Digital Newsportal) 
-फ़िरदौस ख़ान
भारतीय संस्कृति का प्रतिबिंब लोककलाओं में झलकता है. इन्हीं लोककलाओं में कठपुतली कला भी शामिल है. यह देश की सांस्कृतिक धरोहर होने के साथ-साथ प्रचार-प्रसार का सशक्त माध्यम भी है, लेकिन आधुनिक सभ्यता के चलते मनोरंजन के नित नए साधन आने से सदियों पुरानी यह कला अब लुप्त होने की क़गार पर है.
कठपुतली का इतिहास बहुत पुराना है. ईसा पूर्व चौथी शताब्दी में पाणिनी की अष्टाध्यायी में नटसूत्र में पुतला नाटक का उल्लेख मिलता है. कुछ लोग कठपुतली के जन्म को लेकर पौराणिक आख्यान का ज़िक्र करते हैं कि शिवजी ने काठ की मूर्ति में प्रवेश कर पार्वती का मन बहलाकर इस कला की शुरुआत की थी. कहानी ‘सिंहासन बत्तीसी’ में भी विक्रमादित्य के सिंहासन की बत्तीस पुतलियों का उल्लेख है. सतवध्दर्धन काल में भारत से पूर्वी एशिया के देशों इंडोनेशिया, थाईलैंड, म्यांमार, जावा, श्रीलंका आदि में इसका विस्तार हुआ. आज यह कला चीन, रूस, रूमानिया, इंग्लैंड, चेकोस्लोवाकिया, अमेरिका व जापान आदि अनेक देशों में पहुंच चुकी है. इन देशों में इस विधा का सम-सामयिक प्रयोग कर इसे बहुआयामी रूप प्रदान किया गया है. वहां कठपुतली मनोरंजन के अलावा शिक्षा, विज्ञापन आदि अनेक क्षेत्रों में इस्तेमाल किया जा रहा है.
भारत में पारंपरिक पुतली नाटकों की कथावस्तु में पौराणिक साहित्य, लोककथाएं और किवदंतियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. पहले अमर सिंह राठौड़, पृथ्वीराज, हीर-रांझा, लैला-मजनूं और शीरी-फ़रहाद की कथाएं ही कठपुतली खेल में दिखाई जाती थीं, लेकिन अब साम-सामयिक विषयों, महिला शिक्षा, प्रौढ़ शिक्षा, परिवार नियोजन के साथ-साथ हास्य-व्यंग्य, ज्ञानवर्ध्दक व अन्य मनोरंजक कार्यक्रम दिखाए जाने लगे हैं. रीति-रिवाजों पर आधारित कठपुतली के प्रदर्शन में भी काफ़ी बदलाव आ गया है. अब यह खेल सड़कों, गली-कूचों में न होकर फ़्लड लाइट्स की चकाचौंध में बड़े-बड़े मंचों पर होने लगा है.
छोटे-छोटे लकड़ी के टुकड़ों, रंग-बिरंगे कपड़ों पर गोटे और बारीक काम से बनी कठपुतलियां हर किसी को मुग्ध कर लेती हैं. कठपुतली के खेल में हर प्रांत के मुताबिक़ भाषा, पहनावा व क्षेत्र की संपूर्ण लोक संस्कृति को अपने में समेटे रहते हैं. राजा-रजवाड़ों के संरक्षण में फली-फूली इस लोककला का अंग्रेजी शासनकाल में विकास रुक गया. चूंकि इस कला को जीवित रखने वाले कलाकार नट, भाट, जोगी समाज के दलित वर्ग के थे, इसलिए समाज का तथाकथित उच्च कुलीन वर्ग इसे हेय दृष्टि से देखता था.
महाराष्ट्र को कठपुतली की जन्मभूमि माना जाता है, लेकिन सिनेमा के आगमन के साथ वहां भी इस पारंपरिक लोककला को क्षति पहुंची. बच्चे भी अब कठपुतली का तमाशा देखने की बजाय ड्राइंग रूम में बैठकर टीवी देखना ज़्यादा पसंद करते हैं. कठपुतली को अपने इशारों पर नचाकर लोगों का मनोरंजन करने वाले कलाकर इस कला के क़द्रदानों की घटती संख्या के कारण अपना पुश्तैनी धंधा छोड़ने पर मजबूर हैं. अनके परिवार ऐसे हैं, जो खेल न दिखाकर सिर्फ़ कठपुतली बनाकर ही अपना गुज़र-बसर कर रहे हैं. देश में इस कला के चाहने वालों की तादाद लगातार घट रही है, लेकिन विदेशी लोगों में यह लोकप्रिय हो रही है. पर्यटक सजावटी चीज़ों, स्मृति और उपहार के रूप में कठपुतलियां भी यहां से ले जाते हैं, मगर इन बेची जाने वाली कठपुतलियों का फ़ायदा बड़े-बड़े शोरूम के विक्रेता ही उठाते हैं. बिचौलिये भी माल को इधर से उधर करके चांदी कूट रहे हैं, जबकि इनको बनाने वाले कलाकर दो जून की रोटी को भी मोहताज हैं.
कठपुतली व अन्य इसी तरह की चीज़ें बेचने का काम करने वाले बीकानेर निवासी राजा का कहना है कि जीविकोपार्जन के लिए कठपुतली कलाकारों को गांव-क़स्बों से पलायन करना पड़ रहा है. कलाकरों ने नाच-गाना और ढोल बजाने का काम शुरू कर लिया है. रोज़गार की तलाश ने ही कठपुतली कलाकरों की नई पीढ़ी को इससे विमुख किया है. जन उपेक्षा व उचित संरक्षण के अभाव में नई पीढ़ी इस लोक कला से उतनी नहीं जुड़ पा रही है जितनी ज़रूरत है. उनके परिवार के सदस्य आज भी अन्य किसी व्यवसाय की बजाय कठपुतली बनाना पसंद करते हैं. वह कहते हैं कि कठपुतली से उनके पूर्वजों की यादें जुड़ी हुई हैं. उन्हें इस बात का मलाल है कि प्राचीन भारतीय संसकृति व कला को बचाने और प्रोत्साहन देने के तमाम दावों के बावजूद कठपुतली कला को बचाने के लिए सरकारी स्तर पर कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है.
पुरानी फ़िल्मों और दूरदर्शन के कई कार्यक्रमों में कठपुतलियों का अहम किरदार रहा है, मगर वक़्त के साथ-साथ कठपुतलियों का वजूद ख़त्म होता जा रहा है. इन विपरीत परिस्थितियों में सकारात्मक बात यह है कि कठपुतली कला को समर्पित कलाकारों ने उत्साह नहीं खोया है. भविष्य को लेकर इनकी आंखों में इंद्रधनुषी सपने सजे हैं. इन्हें उम्मीद है कि आज न सही तो कल लोककलाओं को समाज में इनकी खोयी हुई जगह फिर से मिल जाएगी और अपनी अतीत की विरासत को लेकर नई पीढ़ी अपनी जड़ों की ओर लौटेगी.
Posted: 18 Mar 2016 03:12 AM PDT
HARAK & BAHUGUNA & HARISH copywww.himalayauk.org (UK Leading Digital Newsportal) बीजेपी विधायक गणेश जोशी को गिरफ्तार करने के बाद उत्‍तराखण्‍ड में भाजपा हमलावर हो गयी तथा हरीश रावत सरकार को येनकेन प्रकारेण गिराने के लिए गहन मंथन व रणनीति तैयार की जाने लगी, मौके की तलाश में बैठे विजय बहुगुणा व हरक सिंह ने इस मामले को लपका तथा हरीश रावत को अपनी माग मनवाने के लिए दबाव डाला अन्य था भाजपा के साथ सरकार बनाने की हवा मीडिया में आम हुई, मुख्य मंत्री दबाव में आये, और उनकी अधिकांश बातों को मान लिया गया, जिसके तहत विधानसभा चुनाव लडने से बच रहे विजय बहुगुणा को अगले माह खाली हो रही राज्य सभा सीट के लिए नामांकित किया जायेगा तथा सुबोध उनियाल और शैलेंद्र मोहन सिंघल मंत्री बनेंगे तथा दिनेश अग्रवाल की छुट्टी होगी, विजय बहुगुणा विधानसभा चुनाव अपने पुत्र को लडाना चाहते हैं, वही हरक सिंह रावत सीट बदलना चाहते हैं तथा रूद्रप्रयाग सीट लक्ष्मी् राणा के लिए चाहते हैं
वही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर शक्तिमान नाम के घोड़े पर हमले के आरोप में बीजेपी विधायक गणेश जोशी को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्हेंय शहर की पुलिस ने गिरफ्तार किया है। देहरादून के पुलिस अधीक्षक के अनुसार, उन्हें इस मामले में पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। गौर हो कि बीजेपी विधायक पर प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर लाठी से पीटकर घोड़े की टांग तोड़ने का आरोप है। विधायक गणेश जोशी पर घटना के बाद ही मुकदमा दर्ज कर लिया गया था।
बीजेपी विधायक गणेश जोशी की जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज कर दिया है और उन्हेंौ 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. इससे पहले पुलिस ने शुक्रवार सुबह विधायक गणेश जोशी को गिरफ्तार कर लिया था.
पुलिस ने बीजेपी विधायक गणेश जोशी को विकासनगर कोर्ट में कड़ी सुरक्षा के बीच पेश किया. सिविज जज लक्ष्मयण सिंह की कोर्ट में गणेश जोशी को पीछे गेट से गुपचुप तरीके से पेश किया गया. जहां उनके वकील ने गणेश जोशी की जमानत याचिका दाखिल की. अदालत ने इस मामले में अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद गणेश जोशी की जामनत याचिका खारिज कर दिया और उन्हेंइ 14 दिनों की न्यालयिक हिरासत में भेज दिया.
उत्तराखंड में हरीश रावत की अगुवाई में चल रही कांग्रेस की सरकार को गिराने के लिए बीजेपी की कोशिश जारी है. इसी को लेकर बीजेपी नेताओं ने रात भर बैठक ही है जिसमें उत्तराखंड के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू, राष्ट्रीय महामंत्री संगठन शिवप्रकाश सहित भाजपा के सभी विधायक और बड़े नेता शामिल थे. इस बैठक को इतना गोपनीय रखा गया था कि शामिल सभी विधायकों के फोन बंद करवा दिए गए थे और सभी को होटल में बंद कर दिया गया था. लेकिन PRADESH-18 की टीम ने इस पूरे मामले को रात में ही ब्रेक कर दिया था. 70 सीटों वाली उत्तराखंड विधानसभा में कांग्रेस के 36, भाजपा के 28, निर्दलीय 3, बीएसपी के 2 और यूकेडी का 1 विधायक है. छह विधायक खुलकर हरीश रावत सरकार से नाराजगी जाहिर करते रहे हैं. इन सभी को बहुगुणा खेमे में माना जाता है. सबकी अपनी-अपनी मांग हैं. पूर्व मुख्यमंत्री और अब विधायक विजय बहुगुणा जुलाई में खाली हो रही राज्यसभा सीट चाहते हैं. हरीश रावत के धुर विरोधी हरक सिंह रावत अपने चहेतों के लिए कम से कम तीन विधानसभा सीटों की मांग कर रहे हैं. जिनमें खुद के लिए डोईवाला सीट पर सीएम हरीश रात से पक्का आश्वासन चाहते हैं. इसके अलावा रावत कैबिनेट में विजय बहुग़ुणा, सुबोध उनियाल सहित कम से कम तीन लोगों को मंत्री बनाने की मांग कर रहे हैं. फिलहाल सीएम हरीश रावत के लिए इन मांगों को पूरा कराना संभव नहीं जान पड़ता. भाजपा की निगाहं कम से कम दस असंतुष्ट विधायकों पर है. हरीश रावत सरकार को समर्थन देने वाले पीडीएफ के विधायकों पर भी काफी कुछ दारोमदार है. पीडीएफ के तीन विधायक हैं. तीनों ही हरीश रावत सरकार में मंत्री हैं. कांग्रेस में कईं बार इनसे मंत्री पद वापस लेने की बात आई लेकिन हरीश रावत ने इनका बचाव किया. अब देखना होगा कि रावत सरकार पर संकट की घड़ी में इनका क्या रोल रहता है. पीडीएफ पर भी भाजपा की नजरें हैं. रावत सरकार में शिक्षा मंत्री, मंत्री प्रसाद नैथानी सतपाल महाराज के करीबी माने जाते हैं.
पुलिस ने इस मामले में गुरुवार को भाजपा के कार्यकर्ता प्रमोद बोरा को गिरफ्तार किया था.
आरोप है कि भाजपा विधायक गणेश जोशी के डंडे से घोड़े को चोट लगी और वो गिरकर जख्मी हो गया. बताया जा रहा है कि शक्तिमान की टांग टूटने के मामले में पुलिस वीडियो के आधार पर भाजपा विधायक को गिरफ्तार किया.
गुरुवार को पुलिस ने इस मामले में आरोपी प्रमोदी बोरा को हल्द्वानी से गिरफ्तार किया था. इसके अलावा देहरादून में जीएमएस रोड की तरफ पुलिस एक दूसरे आरोपी को पकड़ने के लिए दबिश देने पहुंची थी, लेकिन आरोपी जोगेन्द्र पुंडीर पुलिस की पकड़ में नहीं आया है.
इस मामले में पुलिस लगातार दबिश दे रही है. पुलिस के मुताबिक जल्दी ही कई दूसरे आरोपी भी पुलिस की गिरफ्त में होंगे.
बीजेपी के विरोध प्रदर्शन के दौरान बीते सोमवार को उत्तराखंड पुलिस के घोड़े शक्तिमान को कथित रूप से लाठी से हमला कर घायल करने के मामले में मसूरी के भाजपा विधायक गणेश जोशी को शुक्रवार को 14 दिन की न्यामयिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। गौर हो कि विधायक गणेश जोशी पर घोड़े पर लाठी से हमला करने और कथित तौर पर टांग तोड़ने का आरोप है। दूसरी ओर, बीजेपी ने इस गिरफ्तारी को असंवैधानिक बताया है और विधायक को रिहा करने की मांग की है। इससे पहले, उत्तराखंड पुलिस के घोड़े शक्तिमान को कथित रूप से लाठी से हमला कर गिराने के आरोपी मसूरी के भाजपा विधायक गणेश जोशी को आज सुबह पुलिस ने गिरफ्तार किया।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, भाजपा विधायक जोशी को गिरफ्तार कर नेहरू कालोनी पुलिस थाने लाया गया, जहां उनसे पूछताछ की गई।
Posted: 18 Mar 2016 02:09 AM PDT
GANESH JOSHI ARREST 18 MARCH 16www.himalayauk.org (Leading Digital Newsportal) by CS JOSHI-
बीजेपी विधायक गणेश जोशी को वायसराय होटल से प्रात- 8;45 मिनट पर गिरफ्तार कर लिया गया, पुलिस के अधिकारियों ने इसके लिए सूबे के होम मिनिस्‍टर से सहमति प्राप्‍त करने के बाद यह कदम उठाया, बीजेपी विधायक गणेश जोशी को गिरफ्तार करने के बाद भाजपा ने उ्ग्र रूप अपनाया, मसूरी बाजार बंद करा दिया, वही विधायक को नहीं मिली कोर्ट से जमानत। कड़ी सुरक्षा के बीच भेजे गए जेल। 18 मार्च बजट सत्र के आखिरी दिन भाजपा विधायक नेहरू कालोनी देदून पुलिस ने अरेस्‍ट कर लिया, 11;45 पर विधानसभा सत्र में इसकी सूचना सदस्‍य मदन कौशिक ने गणेश जोशी के अरेस्‍ट होने की जानकारी विधानसभा पीठ को देते हुए कहा कि कल श्री गणेश जोशी सदस्‍य ने कहा था कि मै इसमें दोषी नही हूं, अगर मैं दोषी निकला तो मेरी एक टांग काट दी जाए, वही गणेश जोशी ने सदन में पूरा मामला बताकर नियमों का हवाला दिया था तथा कहा था कि मैने सडक पर डंडा फटकारा था न कि घोडे को मारा था, पुलिस नोटिस जारी कर सकती थी न कि तत्‍काल अरेस्‍ट करना जरूरी था, सदस्‍य मदन कौशिक ने पीठ से संरक्षण मांगा,
इस पर विधान सभा अध्‍यक्ष ने सदन को बताया कि जैसे ही गणेश जोशी को अरेस्‍ट किया गया, उनको फोन से सूचना आयी थी, मैने कहा कि अरेस्‍टिंग से पहले परमिशन क्‍यों नही ली गयी, इस पर कहा गया कि ऐसी धारा लगी है जिसमें जरूरी नही था कि पूर्व में परमिशन ली जाए,  अध्‍यक्ष ने कहा कि अब पत्रावली मेरे समक्ष आयेगी तो मैं इस मामले से विपक्ष को अवगत करा दूंगा,
पुलिस ने गणेश जोशी पर लगाई धारा 147.148.332.353.429 ipc 11ठ पशु पशुकुरूरता अधिनिमय और 7 किर्मिनल ला अमेंडमेंट एक्ट
इसमें से 332,353 और 7 किर्मिनल ला अमेंडमेंट एक्ट है नोनबेलेवल
14 मार्च को विधानसभा के समक्ष भाजपा के प्रदर्शन के दौरान पुलिस के घोड़े शक्तिमान की टांग टूटने के मामले में पुलिस ने मसूरी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक गणेश जोशी को गिरफ्तार कर लिया।
उन्हें विकास नगर की अदालत में पेश किया। जहां न्यायालय ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में 31 मार्च तक जेल भेज दिया।
वही दूसरी ओर देहरादून – सीएम का बयान कहा विपक्ष सरकार गिराने की पहले भी कर चुका है कोशिश लेकिन हमारी सरकार पूरी तरह सेफ।
बीजेपी विधायक गणेश जोशी पर पुलिस केस के बाद 2 बीजेपी कार्यकर्ताओ की गिरफतारी के बाद बीजेपी बौखला गई; 17 मार्च को शाम तक डेल्ही से बीजेपी के बड़े नेता देहरादून पहुच गए और तुरंत बड़ी रणनीति की रूपरेखा फाइनल की गई; सूबे के तमाम बड़े नेता और प्रमुख विधायक तलब किये गए; हिमालयायूके डॉट न्यूज़ पोर्टल के अनुसार निरंतर हावी ही रहे हरीश रावत को रोकने के लिए रणनीति तैयार हो चुकी है जिसके तहत ठाकुर नेता भगत सिंह कोश्यारी होंगे बीजेपी का प्रमुख चेहरा ; तथा 2 MP होंगे केंद्र में एडजस्ट;
हरिद्वार से वरिष्‍ठ पत्रकार अनिल बिष्‍ट जी लिखते हैं कि
बीते सोमवार विधान सभा के बाहर भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं की कांग्रेस सरकार के खिलाफ निकाली गई आक्रोश रैली की सफलता का रंग उस समय फीका पड़ गया जब बेजुबां जानवर शक्तिमान पर लाठी बरसाते मसूरी विधायक के फोटो विडियों को शोसल मिडिया और इलैक्ट्रानिक मिडिया में दिखाया गया। लोगों ने अपने-अपने शब्दों में मसूरी विधायक गण्ेाश जोशी के इस कृत्य को अमानवीय बताते हुए मसूरी विधायक सहित भाजपा की जमकर निंदा की। शोसल साइट और पशु प्रेमियो में ही नहीं बल्कि आमजन में भी जिसने देखा और सुना उन सब के बीच मसूरी विधयक के द्वारा किए गए कृत्य को अमानवीयता की हद पार करना बताया। इस पूरे मामले मे देखा जाए तो मसूरी विधायक की इस हरकत ने भाजपा को देश भर में शर्मशार करने में कोई कसर बकाया नहीं छोड़ी। अब भलें ही थू-थू होने पर भाजपा नेता इस कृत्य पर सपफाई दे रहे हो परन्तु जो हुआ वो ठीक नहीं था। हलांकि यह जांच का विषय है कि शक्तिमान की टांग कैसे टूटी? पर घोड़े पर लाठी मांझते हुए गणेश जोशी को फोटो में सभी ने देखा हंै। घायल घोड़े के उपचार में जुटी कांग्रेस सरकार शक्तिमान की चोटों में भलें ही मरहम लगा रही हो, लेकिन कहीं न कहीं इस मरहम के पीछे भी कई सियासी मायने निकल कर सामने आ रहें है। कांग्रेस शक्तिमान के बहाने कहीं भाजपा को सियासी पटकनी देने के लिए भी रास्ता तो नहीं तलाश रही? कांग्रेस एक तरपफ मरहम लगाकर आमजन से सहानुभुति बटोर रही हैं तो वहीं दूसरी ओर भाजपा को सियासी जख्म देने में भी पीछे नहीं है। क्योंकि उत्तराखण्ड से कई पक्षियों और पशुओं की प्रजातियां शिकार या अन्य काराणों से विलुप्ती की कगार पर है परन्तु इस ओर सरकार की संवेदनशीलता नकारात्मक ही रही। किन्तु इस शक्तिमान के मामले में सरकार का यह संवेदनशील रवैया वकाई चैंकाने वाला जरूर हैं। हरदा उत्तराखण्ड की राजनीति में माहिर राजनीतिज्ञों में से एक माने जाते है और वो बेहतर जानते है कि जनता की दुखती नब्ज को कब, कैसे और कहां से पकड़ना है?
सोशल मीडिया में विभिन्‍न प्रतिक्रियाएं आ रही है-
Nitin Teshwar हरदा की सरकार के खिलाफ सबसे बड़ी साज़िश! सरकार बचेगी या जायेगी! सत्ता का ऊँट आज किस करवट बैठेगा! क्या झारखंड बनेगा उत्तराखंड….बजट के बहाने सियासी हिसाब-किताब की पूरी तैयारी ! मोदी-शाह खास कैलाश विजयवर्गीय दून में। अगले कुछ घंटे भारी पड़ेंगे रावत सरकार पर! देखना दिलचस्प होगा अगर होता है बड़ा पालाबदल किसको क्या मिलेगा ?
5 करोड का ऑफर गणेश गोदियाल जी ने ठुकराया रावत सरकार के लिये
विधायको को 5 से 10 करोड का ऑफर दिया जा चुका है ।। ये एक चुनावी वर्ष है अमित शाह पैसो की गंदी राजनीति देवभूमी में भी फैलाना चाह रहा है कितना कामयाब होगा आगे पता लगेगा ।।
बीजेपी विधायक की अरेस्टिंग के बाद बीजेपी किसी भी हद तक जाने को तैयार; बीजेपी ने अब हरीश रावत सरकर के खिलाफ कांग्रेस के कुछ विधायको को दिया बड़ा ऑफर; अपुष्ट सूत्रो के हवाले से आ रही खबरों के अनुसार उत्तराखण्ड की राजनीती में आ सकता है बड़ा भूचाल। देहरादून में 11 विधायकों को होटल में रखा है। सबने अपने मोबाईल फोन स्वीच ऑफ़ किये है। इन्होंने गनर भी वापस कर दिए है।
Posted: 17 Mar 2016 11:32 AM PDT
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हरिद्वार 17 मार्च 2016 (मी0से0) www.himalayauk.org- अर्द्धकुम्भ के दौरान सांस्कृतिक पंडाल पंतद्वीप में चल रहे सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में एक और कड़ी से जुडी जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण के द्वारा गाये पांरम्परिक जागर, पवारे लोेक गीतों से जुड़ी। कार्यक्रम का शुभारम्भ कलाकारो ने संध्या पूजन एवम् सर पर कलश व काँधो पर गंगा माँ की डोली लेकर गंगा जागर नृत्य से शुभारम्भ किया। भरतवाण ने जैमाया जैमाया राजराजेश्वरी, 'मेरो हिमवन्ती देसा, यो पहाड प्यारों' जैसे लोकगीतों से समा बाँध दिया कि पंडाल मे उपस्थित दर्शक अगली प्रस्तुति के लिए आतुर हो उठे। कार्यक्रम में कलाकारों ने गजीमाला व मैरी माना प्यारी बचना आदि नृत्य गीतों के साथ भैरव जागर और पण्डवानी नृत्य आदि की प्रस्तुति दी। मूलरूप से मंसूरी (देहरादून) के रहने वाले प्रीतम भरतवाण अपने पिता के साथ 6 वर्ष की बालआयु से अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे है। 200 से अधिक व्यक्तिगत एलबम निकाल चुके भरतवाण की पहली एलबम 1991 में आयी थी। इसके अलावा आकाशवाणी दूरदर्शन में गायकी के माध्यम से अपनी कला का जादू बिखेर चुके भरतवाण अमेरिका, जर्मनी, कनाडा न्यूजीलैण्ड सहित 22 से अधिक देशों के साथ देश-विदेश में लगभग 1000 से अधिक मंचो पर अपनी भारतीय संस्कृति कला का लोहा मनवा चुके हैै। वर्तमान में सिनसिनारी ओकला होमा, केन्टुकी वोवलिन अमेरिका में जागर एवम् लोकगीतों के लिए विजिटिंग प्रोफेसर है।
सांस्कृतिक व सामाजिक संस्थाओं एवं सरकारों द्वारा जागर सम्राट, उŸाराखण्ड गौरव, सुरसम्राट, भागीरथी पुत्र, श्रृंगार कवि आदि सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके है। जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण हेमाकला केन्द्र के माध्यम से शिष्यों को शिक्षा दे रहे हैै। श्री भरतवाण से विद्या पाकर कई विदेशी शिष्य इस कला में पीएचडी कर प्रोफेसर हो गये है। उनकी आज की इस प्रस्तुति में गायिका मंजु सुन्दरियाल, ढोल पर कीर्ति भरतवाण, पैड पर गोविन्द, तबले पर प्रदीप, ढोलक पर सुभाष पाण्डेय, बासुरी वादक रूकमेय नौटियाल, कीबोर्ड पर सुरेन्द्र सिंह सहित अजय-सीमा भारती, सूरज जोशी-शालीनी, संतोष भट्ट-भारती ध्यानी, संदीप गुसाई-दुर्गा सागर, संजीव भट्ट-रोजी नेगी सभी नृत्य पक्ष, डेªस डिजाइनर राकेश, प्रबन्धक राय सिंह रावत व संचालन में अनिल गोदियाल आदि ने उनका साथ दिया। इस अवसर पर आईजी मेला जी.एस.मर्ताेलिया, पुलिस अधिक्षक सुरक्षा डाॅ0 जगदीश चन्द्र, एडिशनल एसपी प्रमोद कुमार, सीओ सदर चन्द्रमोहन सिंह नेगी, सीएफओ तन्जुम अली व एसडीएम युक्ता मिश्रा एवम् गणमान्य लोग सहित भारी मात्रा में जनसमुदाय उपस्थित रहेे।
Posted: 17 Mar 2016 11:20 AM PDT

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कार्बेट लैण्डस्केप में तत्काल 100 गश्त श्रमिकों को उपनल/पी0आर0डी जैसे उपक्रम के माध्यम से लगाने के लिए उत्तराखण्ड कैम्पा से प्रारम्भिक पांच माह हेतु रू0 50 लाख की धनराशि आवंटित
देहरादून 17 मार्च, 2016 (सू.ब्यूरो)
गुरूवार सांय को मुख्यमंत्री हरीश रावत ने विधानसभा स्थित अपने सभा कक्ष में समृद्ध भारतीय सोसाइटी चम्बा, टिहरी गढ़वाल के युवाओं द्वारा उत्पादित गढ़वाल भोग ब्राण्ड की झंगोरा की नमकीन एवं अन्य उत्पादों का शुभारम्भ किया। उन्होने इस अवसर पर कहा कि पारंपरिक उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए सरकार हर प्रयास कर रही है। पर्वतीय क्षेत्रों में कृषि को आर्थिकी से जोड़ने के लिए मंडुवा (कोदा), झंगोरा, माल्टा रामदाना, काला भट्ट आदि पहाड़ की विशिष्ट फसलों व फलों का समर्थन मूल्य भी घोषित कर दिया गया है। राज्य के युवा अपने क्षेत्र के पारंपरिक उत्पादो को लेकर स्वरोजगार के तहत जिस तरह से आगे आ रहे है यह एक सराहनीय पहल है इससे यह लग रहा है कि राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयास सफलता की दिशा में बढ़ रहे है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड के विकास में कृषि सबसे अहम तत्व है। कृषि को आधुनिकृत कर विकास से जोड़ा जा रहा है जिससे स्वरोजगार को बढ़ावा मिलेगा एवं पलायन में कमी आयेगी।
इस अवसर पर सोसाइटी के गौरव डोभाल, सुधीर सूर्यवंशी, विरेन्द्र बिजल्वाण, दिनेश रतूड़ी सहित अन्य मौजूद थे।
देहरादून 17 मार्च, 2016 (सू.ब्यूरो)
दिनांक 16 मार्च, 2016 को मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा बाघों के अवैध शिकार से उत्पन्न स्थिति पर ली गयी आपात बैठक पर लिये गये निर्णयों के त्वरित क्रियान्वयन हेतु अपर मुख्य सचिव एस. रामास्वामी द्वारा एक बैठक की गयी जिसमें प्रमुख वन संरक्षक(वन्यजीव)/मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक, सदस्य सचिव, उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, अपर प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव, मुख्य वन संरक्षक/निदेशक, कार्बेट टाइगर रिजर्व व अपर सचिव, वन द्वारा प्रतिभाग किया गया। तद्नुसार महत्वपूर्ण कार्यवाही की गयी।
बताया गया कि कार्बेट लैण्डस्केप में तत्काल 100 गश्त श्रमिकों को उपनल/पी0आर0डी जैसे उपक्रम के माध्यम से लगाने के लिए उत्तराखण्ड कैम्पा से प्रारम्भिक पांच माह हेतु रू0 50 लाख की धनराशि आवंटित की गयी है। गुप्त सूचना के एकत्रण हेतु प्रभागीय वनाधिकारियों को तुरन्त 25 लाख की अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध कराई जा रही है। कार्बेट टाइगर रिजर्व हेतु अतिरिक्त पांच फील्ड वाहन हेतु धनराशि उपलब्ध करा दी गयी है व अन्य वाहनों व संशाधनों हेतु कार्यवाही की जा रही है। वन मार्गो व गश्त बटियाओं हेतु अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध करा दी गयी है। इस हेतु उत्तराखण्ड कैम्पा से रू0 3 करोड की धनराशि अवमुक्त कर दी गयी है। तथा वन्यजीव अपराध में लिप्त लोगों के फोन के अनुश्रवण व काॅल डिटेल का अधिकार प्रभागीय वनाधिकारियों को देने हेतु गृह विभाग को प्रस्ताव भेजा है। इस हेतु मा0 मुख्यमंत्री जी की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रमुख सचिव गृह द्वारा सहमति दी गयी थी।
Posted: 17 Mar 2016 10:57 AM PDT
m_Photo madan kaushik 11 Sep 2011सर्राफा व्यापारी ने लगाया भाजपा विधायक व पूर्व कबीना मंत्री मदन कौशिक व उनके छोटे भाई मुकेश कौशिक पर धोखाधडी करने का आरोप
हरिद्वार से अनिल बिष्ट (presents by www.himalayauk.org  Newsportal
हरिद्वार। रूडकी में प्रेस वार्ता आयोजित कर हरिद्वार के सर्राफा व्यापारी अनुज गर्ग ने तत्कालीन भाजपा सरकार में काबीना मंत्री व भाजपा के विधायक मदन कौशिक व उनके छोटे भाई मुकेश कौशिक पर धोखाधडी किए जाने का आरोप लगाया। पत्रकारों संग वार्ता करते हुए अनुज गर्ग ने बताया कि मध्य रानीपुर मोड पहरिद्वार में उनकी गीतांजलि ज्वैलर्स के नाम से दुकान खोली थी। इस कारोबार में मदन कौशिक के छोटे भाई मुकेश कौशिक भी उनके साथ ५० प्रतिशत के साझेदार थे। उन्होंने कहा कि मदन कौशिक के कहने पर ही उन्होंने उनके छोटे भाई मुकेश कौशिक से सर्राफा कारोबार में पार्टनर शिप की थी।गर्ग ने कहा कि भाजपा विधायक मदन कौशिक के छोटे भाई मुकेश कौशिक ने बिजनेस पार्टनर बनकर उनकी जमा पूंजी व सम्पत्ति को धोखाधडी से कब्जा लिया है।
उन्होंने बताया कि भाजपा विधायक के छोटे भाई के इस कृत्य से देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी अवगत कराते हुए इस मामले में पत्र लिख चुकें है। पीएमओ कार्यालय से कारवाई के लिए जबाब में आए पत्र पर प्रशासन भाजपा विधायक के दबाब में न तो इस संबंध में कोई कारवाई ही कर रहा है और नहीं उनकी कहीं सुनवाई हो रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा विधायक व भाजपा विधायक के छोटे भाई मुकेश कौशिक से उन्हें जान-माल का खतरा बना हुआ है और अपना हिस्सा मांगे जाने पर उन्हें लगातार धमकियां मिल रही है। व्यापारी ने कहा कि वह इसी डर से वह कनखल से मकान छोडकर रूडकी में रह रहें है। पीडत व्यापारी की पत्नी भारती ने बताया कि विधायक के उत्पीडन के खिलाफ वह बुधवार से देहरादून में इस मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर विधानसभा के बाहर धरना देंगे। मुकेश कौशिक ने हाल ही में दूधाधारी चौक के स्थित राजघाट कनखल अखाडे से जुडी सम्पत्ति पर पेट्रोल पम्प लगाया है।
बताते चलें कि राजनीति में आने से पूर्व व बाद के काफी समय तक मदन कौशिक का परिवार मावा व्यापारी धर्मनगरी में मावा करोबार से जुडा रहा है। वहीं भाजपा विधायक व पूर्व काबीना मंत्री मदन कौशिक ने मीडिया में दिए बयान के अनुसार आरोपों को निराधार बताते हुए राजनीतिवश उन्हें नुकसान पहुंचाने की कोशिश किया जाना बताया। छोटे भाई के साथ सर्राफा व्यापारी की पार्टनरशिप थी जिसमें जांच चल रही है। मीडिया को दिए बयान में मदन कौशिक न यह भी कहा कि उनका इन सबसे कोई लेना देना नही है। उनके भाई मुकेश कौशिक ने भी आरोपों को गलत बताया।
वही चन्द्राचार्य चौक पर बीते दिन कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष भारत तनेजा के नेतृत्व में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने सर्राफा व्यापारी के पक्ष में उतरते हुए भाजपा विधायक मदन कौशिक के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने भाजपा विधायक व पूर्व कबीना मंत्री मदन कौशिक के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए मदन कौशिक व उनके भाई मुकेश कौशिक पर अपने पद के दुरूपयोग करने आरोप लगाते हुए इस्तीफा दिए जाने की मांग की। इस अवसर पर विधायक संपत्ति की जांच किए जाने मांग के साथ ही सर्राफा व्यापारी अनुज गर्ग से हुई धोखाधडी मामले में निष्पक्ष जांच किए जाने की मांग की।